पगला कहीं का–
पगला कहीं का
रोज सुबह उठता है, समाचार-पत्र पढ़ता है और पढ़े गए समाचारों पर टिप्पणी करता है। देश के ताजा हालातों पर दुख व्यक्त करता है। उसे पता नहीं है कि यह आजकल का ट्रेंड है। भ्रष्ट वो नहीं जो भ्रष्टाचार करता है बल्कि वह है जो इसे भ्रष्टाचार के नजरिए से देखता है।
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